कुचल हरे पौधों को तुमने पुष्प की अभिलाषा को मिटा दिया... कुचल हरे पौधों को तुमने पुष्प की अभिलाषा को मिटा दिया...
पेड़ो के झुरमुट से होते हुए, मृदा में भी समाती हो। पेड़ो के झुरमुट से होते हुए, मृदा में भी समाती हो।
सबरनाखा को समर्पित...। सबरनाखा को समर्पित...।
निर्मलता, शीतलता तरिणि के संस्कार है कृष्णा, कावेरी, महानदी भारत की अम्रतधार है...। निर्मलता, शीतलता तरिणि के संस्कार है कृष्णा, कावेरी, महानदी भारत की अम्रतधार है....
जो है फैला चारों ओर आवरण में जिससे है हम वो पर्यावरण हमारा है ! जो है फैला चारों ओर आवरण में जिससे है हम वो पर्यावरण हमारा है !
नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए एक कविता। नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए एक कविता।